विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S. Jaishankar) ने गुरुवार को चीन के आक्रामक रवैये को लेकर शी चिफिंग सरकार पर करारी चोट की। उन्होंने कहा कि चीन ने सीमा पर जो किया है उसके चलते दोनों देशों के संबंध 'बेहद कठिन दौर' से गुजर रहे हैं। साथ ही इस बात का उल्लेख किया कि दोनों देशों की एकजुटता के बगैर एशियाई शताब्दी का सपना साकार नहीं होगा। जयशंकर ने यहां प्रतिष्ठित चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय (Chulalongkorn University) में 'इंडियाज विजन ऑफ द इंडो-पैसिफिक' विषय पर व्याख्यान देने के बाद ये बातें कही।
एक सवाल के जवाब में एस जयशंकर ने कहा कि एशियाई सदी तब होगी जब चीन और भारत साथ आएंगे लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो इस सपने का साकार होना मुश्किल होगा। चीन ने सीमा पर जो किया उसके चलते दोनों देशों (भारत-चीन) के संबंध बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं। सनद रहे कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध कायम है। पैंगोंग झील क्षेत्र में झड़प के बाद दोनों पक्षों ने अब तक कोर कमांडर स्तर की 16 बार बातचीत की है लेकिन गतिरोध खत्म करने को लेकर किसी तरह का ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
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